मोदी के "Make in India" अभियान भारत में manufacturing कंपनियों को लाभ पहुंचा सकते हैं, विशेष रूप से electronics और mobile phones क्षेत्र में

चीन से आयातित वस्तुओं पर बढ़े हुए आयात शुल्क से भारत को लाभ होगा क्योंकि कंपनियाँ manufacturing को भारत में स्थानांतरित करेंगी ताकि duties से बच सकें

ट्रम्प के पिछले प्रशासन ने भारत को Generalized System of Preferences (GSP) से हटा दिया, जिससे अमेरिका को भारत के निर्यात पर higher tariffs लगे और व्यापार संबंध प्रभावित हुए

यदि अमेरिकी सरकार corporate tax में कटौती करती है, तो इससे अमेरिकी स्टॉक बाजार को बढ़ावा मिलेगा, लेकिन भारतीय बाजारों के लिए Nifty 50 जैसी कंपनियों के लिए यह चुनौतीपूर्ण हो सकता है

U.S. immigration policy में बदलाव भारतीय IT कंपनियों जैसे Tata Consultancy Services (TCS), HCL Tech, और Infosys पर असर डाल सकते हैं, जो अमेरिकी संचालन के लिए work permits पर निर्भर हैं

ट्रम्प के दूसरे कार्यकाल में भारत को low oil prices का फायदा हो सकता है, विशेष रूप से अगर Ukraine war का समाधान oil prices को कम करता है।

ट्रम्प का anti-ESG approach भारत के renewable energy sector के लिए चुनौतियाँ पैदा कर सकता है, खासकर solar panel और wind turbine manufacturers जैसे Suzlon Energy के लिए।

ट्रम्प की नीतियाँ भारत को अपनी oil imports को बेहतर तरीके से प्रबंधित करने में मदद कर सकती हैं, जिससे ऊर्जा कीमतों में स्थिरता और ऊर्जा स्वतंत्रता को बढ़ावा मिल सकता है।